बतौर मैनेजर आपको टीम के प्रत्येक सदस्य को अपने टैलेंट को निखारने में मदद करनी चाहिए। आपको टीम मेंबर्स को मल्टी टैलेंटेड बनने के लिए प्रेरित करना चाहिए। मेंबर्स को हर तरह के काम में शामिल करना चाहिए। इससे वे नई चीजें सीखते हैं और सफलता के लिए विश्वास बढ़ता जाता है। बॉडी लैंग्वेज के संकेततरोताजा हो सीधा खड़ा रहना-आत्मविश्वासहिप्स पर हाथ रख कर खड़ा रहना-तैयार और आक्रामकपैर पर पैर चढ़ा कर बैठना- उचाट दिखनापैर फैलाकर बैठना- आराम की मुद्राछाती पर बांह पर बांह फंसाना-बचाव की मुद्रापॉकेट में हाथ डालकर चलना-उदासीगाल पर हाथ रखना- चिंता व सोचनानाक थोड़ा-थोड़ा छूना, रगड़ना- अस्वीकृति, शंकाआंख रगड़ना- शंका व अविश्वासदोनों हाथों पर गाल टिकाना और नीचे देखना -उचाट दिखनाकभी तेज बोलने वाले सेल्समैन पर भरोसा न करें।परखी गयी बॉडी लैंग्वेज हमेशा सही नहीं होती, इसलिए प्रतिक्रिया देने से पहले सोच समझ लें।किसी को सिर्फ उसकी बॉडी लैंग्वेज से जज करना सही नहीं है।
योजना प्लान बनाने से पहले सपने और ‘लक्ष्य’ दो खास चरण होते है. जिन पर आदमी को सबसे पहले मजबूत होना पड़ता है l लेकिन बिना योजना के केवल सपने देखना एक प्रकार से खयाली पुलाव होता है. कोई भी गोल तब तक नहीं पाया जा सकता जब तक कि एक पक्की सुनिश्चित कार्य योजना न बना ली जाये सफलता के लिए पक्की कार्य योजना और timeline का होना बहुत जरुरी है कोई भी व्यक्ति नाकामयाब तभी होता है जब उसकी योजना नाकामयाब हो जाती है आदमी तब तक नाकामयाब नहीं हो सकता जब तक की उसकी योजना दुरुस्त है l विशेषज्ञो का कहना है कि हम अपना भविष्य बनाने की अपेक्षा अपनी छुट्टियां बिताने के लिय कहीं ज्यादा प्लानिंग करते है। कामयाबी के लिए योजनाओ का पक्का इरादा होना सबसे खास सूत्र हैl जब तक आपको यह मालूम नहीं होगा कि आपको कहा जाना है या कहानी पहुचना है तब तक आपका सफ़र खत्म नहीं होगा l आप यु ही भटकते रहेगे l इस तरह हर लक्ष्य तक पहुचने के लिया योजनाओ का तय होना बहुत जरुरी है है l हमारे धार्मिक गुरुओ का कहना है कि हम जो प्रार्थना करते है या जो ईश्वर से मांगते है वह इसलिए नहीं होता है कि वह चीज हमें एकदम से मिल जाए, बल्कि वह इसलिय होता है कि ईश्वर हमे उस चीज को पाने के लिए उर्जा दे, शक्ति दे, विचार दे, योजनाए दे, जिससे हमें वह चीज हासिल करने में सक्षम हो सकें।
परीक्षा भवन में जाने से पूर्व स्वयं को प्रोत्साहित (Motivate) करें | जीवन की उन घटनाओं को याद करें, जब आप सफल हुए थे | अपने आप को विश्वास दिलाएं कि आप पहले भी कठिन परिस्थितियों एवं परीक्षाओं में सफल हो चुके हैं | इस परीक्षा में भी आप ज़रूर अच्छे अंकों के साथ सफल होंगे | इस प्रकार के सकारात्मक विचारों से आपका मनोबल बढ़ेगा और आप परीक्षा में अधिक बेहतर प्रदर्शन कर पायेंगे |
दिन में अलग अलग समय पर हर व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक उर्ज़ा का स्तर अलग हो सकता है | उदाहरण के तौर पर कुछ लोग सुबह के समय ज्यादा Fresh और Energetic महसूस करते हैं तो कुछ लोग शाम को या फिर रात के समय | कुछ लोगों को सुबह उठ कर पढ़ा हुआ ज्यादा याद रहता है तो कुछ को देर रात को पढ़ा हुआ | तो जिस समय आप अपने को ज्यादा Fresh और उर्ज़ावान महसूस करते हैं, वह समय आप अपनी पढ़ाई के लिए रखें
बड़े कार्यों को छोटे छोटे भागों में बाँटेंकोई भी बड़ा कार्य जब हम करने लगते हैं तो शुरुआत में बहुत कठिन और असंभव लगता है | लेकिन जब हम उसे छोटे छोटे टुकड़ों में बाँट देते हैं और तो वही काम आसान हो जाता है | इसी प्रकार पढ़ाई में भी बड़े Chapter या Formula को छोटे भागों में बाँट कर आसान बनाया जा सकता है | इससे पढ़ना आसान और रुचिकर हो जाता है |
पढ़ाई करने के लिए एक उपयुक्त एवं शांत जगह का चुनाव करना बहुत ज़रूरी है | पढ़ाई का स्थान ऐसा होना चाहिए जहाँ पर पूरी एकाग्रता और शांत मन से बैठकर पढ़ा जा सके | यदि घर छोटा हो या घर में ऐसा कोई उपयुक्त स्थान ना हो तो घर के बाहर किसी शांत जगह , किसी दोस्त के घर या किसी पुस्तकालय (Library) में जाकर पढ़ना ज्यादा अच्छा होगा |