हमारे षास्त्रों और ऋशि-मुनियों के अनुसार गऊ मे देवी-देवताओं का वास माना जाता है । गऊ को माता का स्थान प्राप्त है । भारतवर्श में गऊ,गंगा ,गायत्री और जन्म देने वाली स्त्री को माता का स्थान प्राप्त है। पौश्टिक एवम् सतोगुण प्रधान गाय का दूध देवी-देवताओं को चढ़ाया जाता है । धर्मषास्त्रो में गो-दुग्ध को षुद्ध माना गाया है ।गाय के दूध के सेवन से रोग नश्ट हो जाते है । यह स्थूलता और मेेेदा वृृृृद्धि को भी दूर करता है । इसमें प्रोटीन एवम् विटामिन उचित मात्रा में पाया जाता है जो षिषुओं के लिए अति उत्तम है । मां के दूध के पष्चात् डाॅक्टर बच्चों को गाय का दूध पिलाने का परामर्ष देते हैं ।
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