वास्तुषास्त्र की दृश्टि से ,ध्वनि विज्ञान के सिद्धान्त से गुम्बद एक महत्वपूर्ण स्थान है। देवताओं की प्रतिमाओं के समक्ष बैठकर पूजा करते समय साधन के सुख से उच्चारित ध्वनि गुम्बद से टकराकर घूमती है जिसके कारण मंत्र षक्ति केन्द्रीभूत होकर देव प्रतिमाओं को स्पर्ष करती है और जागृत हो कर देव प्रतिमाए साधन को उसकी इच्छानुसार फल प्रदान करती है । गुम्बद का वैज्ञानिक दृश्टिकोण से यह महत्व है कि उस पर आंधी -तूफान और वर्शा का प्रभाव बहुत कम पड़ता है जिससे पूजा का स्थान अधिक समय तक सुरक्षित रहता है ।
PRAVEEN CHOPRA