जैसे अग्नि होने का प्रमाण धुआं है , क्योंकि बिना अग्नि के धुआं उठना असंभव है । यह अनुमान प्रमाण है । प्रत्यक्ष प्रमाण के अन्तर्गत वे वस्तुएं आती है जिन्हे हमारी आंखे देखती हैं अथवा अनुभव करती है । जैसे सुगन्ध है , षीतलता है-ये सभी प्रत्यक्ष प्रमाण है ं तथा आप्त प्रमाण ऋशि-मुनियों , संतों विद्वानों द्वारा कहे गये वचनों को कहते है जिनको हम पालन करते है ।
इस प्रकार सिद्ध हुआ अनुमान प्रमाण ,प्रत्यक्ष प्रमाण और आप्त प्रमाण होते है ।
PRAVEEN CHOPRA