आठ प्रहर : 24 घंटे में आठ प्रहर होते हैं। एक प्रहर तीन घंटे का होता है दिन के चार और रात के चार मिलाकर कुल आठ प्रहर। : संध्यावंदन मुख्यत: दो प्रकार के प्रहर में की जाती है:- दिन और रात के 12 से 4 बजे के बीच प्रार्थना या आरती वर्जित मानी गई है। 1.पूर्वान्ह, 2.मध्यान्ह, 3.अपरान्ह और 4.सायंकाल। रात के चार प्रहर- 5.प्रदोष, 6.निशिथ, 7.त्रियामा एवं 8.उषा।सूर्योदय के समय दिन का पहला प्रहर प्रारंभ होता है
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