जब एक बार यह सिद्ध हो गया कि आत्मा कभी नहीं मरती है,मृत्यु स्थूल षरार की होती है । आत्मा उस षरीर से निकल कर किसी दूसरे नवीन षरीर में प्रविश्ट हो जाती है । जिसे हम कहते है । कि बच्चे का जन्म हुआ । अमुक का दूसरा जन्म हुआ । यही पुनर्जन्म कहलाता है । जो वस्तु नश्ट नहीं होती उसे किसी -किसी रूप में प्रकट होना ही है । यही सत्य है । यही पुनर्जन्म है ।
PRAVEEN CHOPRA