तुलसी में संक्रामक रोगों को रोकने की षक्ति होती है । तुलसी एक औशधि का वृक्ष है । इसके पत्ते उबालकर पीने से सर्दी ,जुकाम , खांसी एवम् मलेरिया से राहत मिलती है । तुलसी भयानक रोग को भी ठीक करने में सहायक है । अनेक औशधीय गुण होने के कारण भी इसकी पूजा की जाती है । तुलसी का पौधा हिन्दू की एक पहचान है तथा साथ ही उसकी सात्विक भावना का परिचय भी देता है । हिन्दू स्त्रियां तुलसी पूजन अपने सौभाग्य एवम् वंषवृद्धि की कामना से करती हैं । रामायण कथा में वर्णिय प्रसंग के अनुसार रामदूत हनुमान जी सीता का पता लगाने जब समुद्र लांघकर लंका गये तो वहां उन्होंने एक घर में तुलसी का पौधा देखा । जो कि विभीशण का घर था , तात्पर्य यह कि तुलसी पूजन की प्रथा आदिकाल से चली आ रही है ।
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