प्रत्येक बालक-बालिका का उसका जन्म मुंडन संस्कार बतलाया गया है । प्रत्येक वर्ग के लिये अलग-अलग ढंग चलाया गया है, उस अवधि के बाद मुंडन संस्कार आवष्यक है । जन्म के या गर्भ के बालों को छीलना ही मुंडन संस्कार है । वैज्ञानिक परीक्षण के द्वारा प्रमाणित हो चुका है कि जन्म या गर्भ के बाल न छीले जाये ंतो युवा होने पर बालक या बालिका का स्वाभव चिड़चिड़ा झक्खड़ किस्म का हो जाता है । इसके साथ-साथ वह सत्यतित मंद बुद्धि भी होता हैेे । गर्भ के बालों की रासयनिक क्रिया प्रकाष रूप में तब सम्पन्न नहीं होती है ।
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