कण्ठ षोधन के लिए आचमन किया जाता है । आचमन करने से सफाई हो जाती है और ष्वास क्रिया में तथा मंत्रों के उच्चारण में सहायता मिलती है । अन्यथा मंत्रोच्चारण में त्रुटि हो सकती है । तीन बार आचमन करने से कामिक , मानसिक और वाचिक विविध पापों की निवृत्ति होती है ।
PRAVEEN CHOPRA