हिन्दू धर्म में नारियल का बहुत अधिक महत्व है । एक तो प्रसाद रूप में नारियल से षुद्ध अन्य कोई प्रसाद नहीं होता, क्योकि इसका ऊपरी आवरण कठोर और बन्द होता है तथा अन्दर स्वच्छ एवम् षुद्ध जल भरा होता है । हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जल के स्पर्ष से वस्तुएँ षुद्ध होती है जिससे नारियल की गिरी पूर्णतः षुद्ध होती है , दूसरी बात कि खुले प्रसाद प्रदूशित हो सकते है , किन्तु नारियल का प्रसाद प्रदूशित नहीं होता कारण स्पश्ट है । नारियल को षुभ ,सौभाग्य और समृद्धि का प्रतिक भी माना जाता है प्रत्येक षुभ कार्य ,विवाह, लग्न, किसी को भेंट देते समय ,कलष स्थापना के समय ,घर की नींव डालते समय नारियल रखा जाता है। कुछ लोग नारियल को भगवान षिव का स्वरूप मानते है , क्योंकि उसमें तीन आंखें बनी होती है जिसे त्रिनेत्र मानते हैं । नारियल से षिक्षा भी मिलती है ,हर व्यक्ति को नारियल से षिक्षा लेनी चाहिए जिस तरह नारियल ऊपर से अत्यन्त कठोर, किन्तु अन्दर से अत्यन्त नरम होता है उसी तरह हर इन्सान को होना चाहिए । ऊपर से भले ही कठोरता का आवरण धारण किये रहो किन्तु इन्यानियत का त्याग मत करो अर्थात नारियल की भाँति अन्दर से नर्म और दयालु हृदय बने रहो तो नारियल की तरह तुम्हें लोग पूज्यनीय समझेंगे ।
PRAVEEN CHOPRA