कुत्तें की जीभ में अमृत होने का अर्थ इस तथ्य से निकालते है कि जब कोई कुत्ता किसी कारण घायल हो जाता है तो वह अपनी जीभ से चाट-चाटकर जख्म को ठीक कर लेता है । सभी कुत्तों का यहीं हाल है ,किन्तु कुत्ते की जीभ जिस जख्म पर नहीं पहुॅंच पाती उस जख्म में सड़न हो जाती है , कीड़े भी पड़ जाते है जबकि जहाॅं वह चाट सकता है वह जख्म बहुत जल्दी ठीक हो जाता है बिना किसी दवा के, इसी से लोग कुत्तों की जीभ में अमृत होने का अर्थ निकालते है ।
PRAVEEN CHOPRA