ओ३म् का अर्थ क्या है?ओ३म् ईश्वर का मुख्य नाम है. योग दर्शन में यह स्पष्ट है. यह ओ३म् शब्द तीन अक्षरों से मिलकर बना है- अ, उ, म. प्रत्येक अक्षर ईश्वर के अलग अलग नामों को अपने में समेटे हुए है. जैसे “अ” से उपासना करने योग्य है. “उ” से बुद्धिमान. “म” से एक छोटा बच्चा भी सबसे पहले इस “म” को ही सीखता है । यह ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक भी है और यह भू: लोक, भूव: लोक और स्वर्ग लोग का प्रतीक है ॐ को ओम लिखने की मजबूरी है अन्यथा तो यह ॐ ही है।
यह ब्रह्मांड की अनाहत ध्वनि है। अनाहत अर्थात किसी भी प्रकार की टकराहट या दो चीजोंया हाथों के संयोग के उत्पन्न ध्वनि नहीं।
उच्चारण की विधि : प्रातः उठकर पवित्र होकर ओंकार ध्वनि का उच्चारण करें। ॐ का उच्चारण पद्मासन, में बैठकर कर सकते हैं। इसका उच्चारण 5, 7, 10, 21 बार अपने समयानुसार कर सकते हैं। . नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है. रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने से निश्चित नींद आएगी. यह हृदय और खून के प्रवाह को संतुलित रखता है. इससे पाचन शक्ति तेज होती है
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